नमस्कार,
जैसा हमना कहाँ हम अपने सबसे पसिंदा गाने की गीतकाव्य आप सब के इए लाये हैं
संगीत: तुझसे नाराज़ नहीं ज़िन्दगी
फ़िल्म: मासूम
संगीतकार: अनूप घोषाल
गीतकाव्य
तुझसे नाराज़ नही ज़िन्दगी, हैरान हूँ मैं
ओ हैरान हूँ मैं ...
तेरे मासूम सवालों से परेशान हूँ मैं
ओ परेशान हूँ मैं ...
जीने के लिए सोचा ही न था, दर्द सम्भालनऐ होंगे
मुस्कुराऊँ तो, मुस्कुराने के क़र्ज़ उतारने होंगे
मुस्कुराऊँ कभी तो लगता है
जैसे होंतोंं पे क़र्ज़ रखा है
तुझसे ...
आज अगर भर ई hai, बूँदें बरस जायेंगी
कल क्या पता इनके लिए आखें तरस जाएँगी
जाने कहाँ गम कहाँ खोया
एक आंसू छुपके रखा था
तुझसे ...
ज़िन्दगी तेरे गम ने हमें रिश्ते नए समझाये
मिले जो हमें धुप मैं मिले छाँव के ठंडे साए
ओ तुझसे ...
शनिवार, 23 अगस्त 2008
मंगलवार, 27 मई 2008
स्वागत हैं आपका मेरे ब्लॉग -- पसंद अपनी अपनी
नमस्कार
आज जब हम शास्त्रीय संगीत के बारे में सर्च एन्गिनेस में ढूंढ रहे थे तो हमे कुछ बहुत अच्छे ब्लॉग हिन्दी में मिलें जिस्हे हमे प्रेना मिली की हम हिन्दी में अपना ब्लॉग बनाये।
पसंद अपनी अपनी - काफी बार लोगो को बोलते सुना हैं। ईश ब्लॉग में हम अपने पसंद के वेबसाइट्स, संगीत, फिल्मो के बारे में लिखूंगि। आप सभी मित्रो से निवेदन हैं की वह अपने विचार जरूर लिखे।
स्वागत हैं आप सभी का मेरे ब्लॉग पसंद अपनी अपनी
आपकी ब्लॉगर -- अनु
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