शनिवार, 23 अगस्त 2008

तुजसे नाराज़ नहीं ज़िन्दगी - गीतकाव्य

नमस्कार,

जैसा हमना कहाँ हम अपने सबसे पसिंदा गाने की गीतकाव्य आप सब के इए लाये हैं

संगीत: तुझसे नाराज़ नहीं ज़िन्दगी
फ़िल्म: मासूम
संगीतकार: अनूप घोषाल

गीतकाव्य

तुझसे नाराज़ नही ज़िन्दगी, हैरान हूँ मैं
ओ हैरान हूँ मैं ...
तेरे मासूम सवालों से परेशान हूँ मैं
ओ परेशान हूँ मैं ...

जीने के लिए सोचा ही न था, दर्द सम्भालनऐ होंगे
मुस्कुराऊँ तो, मुस्कुराने के क़र्ज़ उतारने होंगे
मुस्कुराऊँ कभी तो लगता है
जैसे होंतोंं पे क़र्ज़ रखा है
तुझसे ...

आज अगर भर ई hai, बूँदें बरस जायेंगी
कल क्या पता इनके लिए आखें तरस जाएँगी
जाने कहाँ गम कहाँ खोया
एक आंसू छुपके रखा था
तुझसे ...

ज़िन्दगी तेरे गम ने हमें रिश्ते नए समझाये
मिले जो हमें धुप मैं मिले छाँव के ठंडे साए

ओ तुझसे ...

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